जिगर का टुकड़ा मोहब्बत करने वालों का यही हश्र होता है, दर्द-ए-दिल होता है, दर्द-ए-जिगर होता है. बंद होंठ कुछ ना कुछ गुनगुनाते ही रहते हैं, खामोश निगाहों का भी गहरा असर होता है. #Techofmuniyaji, #Shayri, #Mohabbat