देखो तो देखते रह जाओ ये चांद कुछ ख़ास है शर्मिला है, प्यारा है, इक अदा है इसमें एक कशिश है जो ख़ास है इन सब बातों के पीछे भी इक राज़ है या कहूं की कुदरत का करिश्मा है या खुदा की बक्शी अनोखी दात है ©Dr Supreet Singh #मेरा_चांद_ख़ास_है