मैं आजकल अपने गाँव नही जाता दूसरे तीसरे मे ठीक है हर साल नही जाता बैठता हूँ वातानुकूलित गगनचुम्बी इमारतों में नीम के पेड़ वाली वो ठंडी छांव नही पाता फ्लैट है दोस्त हैं रहता हूँ ठहरता हूँ मगर गाँव वाले घर जैसी ठांव नही पाता हाथ मिलाता हूँ हेल्लो हाय गुड मॉर्निंग करता हूँ आशीर्वाद लूँ छूकर माँ बाप के वो पांव नही पाता! बाहरी मुस्कुराहटें हैं हर चेहरे पे यहाँ मन की खुशी दे ऐसे भाव नही पाता शहर है पैसा है हर तरफ रफ्तार है जो मन को संतुष्टी दे ऐसा काम नही पाता नौकरी और जिंदगी मे उलझा हूँ ऐसा लोग शहर नहीं आते मैं गाँव नही जाता!! @nitinnirmohiquotes @gaonconnection