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कड़क चाय और यादें कड़क चाय के साथ वो नरम यादें।

कड़क चाय और यादें

कड़क चाय के साथ वो  नरम यादें।
वो मीठी बाते, वो मुस्कुराहटें।।
भीनी भीनी सी खुश्बू उसकी जुल्फों की।
टकरा जाती  थी वो जब हमसे उसकी कातिलाना नज़रे।।
यकीन मानो कितनी बार चाय के प्याले से मेरे होठ जले है।
उसके सरकते आंचल से, कितने प्याले हाथो से छुटे है।।
उफ्फ उस चाय की आज भी याद आती है
कॉलेज की सब बाते याद दिला जाती है

सविता निमेष

©Savita Nimesh #कड़क#चाय#और#यादें
कड़क चाय और यादें

कड़क चाय के साथ वो  नरम यादें।
वो मीठी बाते, वो मुस्कुराहटें।।
भीनी भीनी सी खुश्बू उसकी जुल्फों की।
टकरा जाती  थी वो जब हमसे उसकी कातिलाना नज़रे।।
यकीन मानो कितनी बार चाय के प्याले से मेरे होठ जले है।
उसके सरकते आंचल से, कितने प्याले हाथो से छुटे है।।
उफ्फ उस चाय की आज भी याद आती है
कॉलेज की सब बाते याद दिला जाती है

सविता निमेष

©Savita Nimesh #कड़क#चाय#और#यादें