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ठोकरें पहली पटक मे ज्ञान से परिचय करातीं, भूल-सुधा

ठोकरें पहली पटक मे ज्ञान से परिचय करातीं,
भूल-सुधार की प्रवृति खोई मंजिल से मिलातीं।
इस लिए इन राह अड़चनों से कभी डरना नहीं, 
ठोकरें गुरू बनकर मुखङे पर मुस्कान लातीं।।
पुष्पेन्द्र पंकज

©Pushpendra Pankaj
  ये ठोकरें

ये ठोकरें #कविता

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