तुम भागलपुर की गलियों सी, मैं उस पर चलने वाला चमक-धमक में रहती तुम, लोग कहते मुझको आवारा अदरक वाली चाय सी तुम, मैं कुल्हड़ में पीने वाला पीकर गोल्ड फ्लैक जलाती तुम, मैं कुल्हड़ फोड़ आने वाला तुम वैलेंटाइंस पे लव स्पॉट ढूंढती सी, मैं रूम में दिन भर सोने वाला तुम शहर की मॉडर्न लड़की सी, मैं गांव का छोरा रहने वाला तुम एसएम कॉलेज की रानी सी, मैं मारवाड़ी कालेज जाने वाला इक बड़ी सी तुम्हारी फैन फॉलोइंग, मैं तन्हा तन्हा सा रहने वाला तुम डोमिनोज़ की पिज़्ज़ा सी,मैं गीतांजलि भाभी का समोसा खाने वाला तुम ख्वाहिशों को जीती मोहतरमा, मैं ख्वाहिशों से समझौता करने वाला मनाली में रहती तुम, मैं तिलकामांझी में रहने वाला एक्टिवा पर चलती तुम, मैं ऑटो का किराया भरने वाला पापा की परी सी लगती तुम, मैं बाप का बेटा नालायक वाला खाटू श्याम की शांति सी तुम, खलीफाबाग का शोर मैं होने वाला बुढ़ानाथ पार्क जाती तुम, मैं सैंडिस में बेवजह घूमने वाला कई बॉयफ्रेंड बनाने वाली तुम, मैं सिंगल रहने वाला तुम भागलपुर की गलियों सी, मैं उस पर चलने वाला चमक-धमक में रहती तुम, लोग कहते मुझे आवारा © राज सिह सुर्यवन्शी ©tumhara vishwajeet #मै_और_तुम #moonlight