पल्लव की डायरी खुशियों का बदला ढंग लतो को बदलाव का नाम दिया जा रहा है शोहरत दौलत का बढ़ता नशा ब्रांड बिगड़ेलौ को बनाया जा रहा है हावी हो चुकी पश्चात संस्कृति ड्रग्स शराब मांसाहार से नैतिक मूल्यों का ग्राफ गिराया जा रहा है पव क्लब और पार्टियां बनी शान युवाओ की सामाजिक पारिवारिक व्यवस्था को तोड़ा जा रहा है आजादी का देके नाम रागरागिनी में युवा युवती को फंसाया जा रहा है मिर्गमरीचिका जैसी हो गयी जिंदगी ना देखा जा रहा है,ना निगला जा रहा है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" ब्रांड बिगड़ेलौ को बनाया जा रहा है #nojotohindi