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पीछे मुड़ मुड़ कर देखती हूं तस्वीर तुम्हारी। फूलों

पीछे मुड़ मुड़ कर देखती हूं
तस्वीर तुम्हारी।
फूलों के रंगों सी , खुशबू है बस याद तुम्हारी
मौसम के रंग बदलते ही
ज्यों तुम भी गए
पतझड़ सा जीवन
मानो मेरे लिए छोड़ गए।
महक लिए अपनी सांसों में तुम्हारी
इंतजार में बैठी हूं
फूलों के खिलने का मौसम है
यादों से बाहर आओ 
के अब ज़रा मिलने की राह देखती हूं। #मिलने #मौसम #तस्वीर#फूल#पतझड़#खुश्बू#
पीछे मुड़ मुड़ कर देखती हूं
तस्वीर तुम्हारी।
फूलों के रंगों सी , खुशबू है बस याद तुम्हारी
मौसम के रंग बदलते ही
ज्यों तुम भी गए
पतझड़ सा जीवन
मानो मेरे लिए छोड़ गए।
महक लिए अपनी सांसों में तुम्हारी
इंतजार में बैठी हूं
फूलों के खिलने का मौसम है
यादों से बाहर आओ 
के अब ज़रा मिलने की राह देखती हूं। #मिलने #मौसम #तस्वीर#फूल#पतझड़#खुश्बू#