अत्यधिक व्यस्तता निरसता को जन्म देती है और अत्यधिक निरसता एक निरुद्देश्य जीवन को ; जिसमें जीवन होने के एहसास का नाम मात्र भी नही बचता ना ही वो हमें बचा पाता है।। ~© Anjali Rai— % & कुछ अच्छा लिखा नहीं जा रहा ना ही कुछ अच्छा पढ़ा जा रहा ना ही कुछ अच्छा सुना जा रहा ना ही अच्छा बोला जा रहा है पर सबके हाथ पैर जिह्वा बस चल रही है अंधाधुंध