मदहोश शाम फिर तेरी याद दिलाती है फिर वही खाली पण फिर दिल में तेरे जाने का गम रेत के हातोसें फिसलने जैसा अक्सर ये शाम कुछ ना कुछ याद दिलाती है कभी तू या फिर तेरी यादें याद दिलाती है। poetry#feelings