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आज मेरे सभी आदरणीय व प्रिय शिक्षकों को आज के दिवस

आज मेरे सभी आदरणीय व प्रिय शिक्षकों को आज के दिवस की बहुत बहुत शुभकामनाएं , आज मैं जो भी हूं जहां भी हूं जैसा भी हूं उन्हीं के वजह से हूं , मेरे जीवन के हर हिस्से में उनका अहम योगदान रहा है व बचपन से आज तक जो कुछ भी शिक्षा ली या जो भी सीखा उन्हीं के साथ प्रेम स्नेह से सीखा , मेरे बचपन से जीवन की अंतिम सफर तक उन्हीं से सीखता रहूंगा , मैं सभी शिक्षकों को चांद पंक्तियों के द्वारा सम्मान देना चाहूंगा ।

शिक्षक दिवस की बहुत बहुत शुभकामनाएं सर।

भटका हुआ हो मस्तिष्क तब जो मार्गदर्शन प्रशित करे
जब हौसले घिस कर नीचे गिर रहे तब जो मनोबल समुचित करे

सामने हो कठोर पल तब जो आसान राहे दिखाकर
लटकी हार की तलवार को अपनी सोच से शापित करे

हो कितनी मुश्किलें कितने  भी ठोकर मगर
जो सब को किनारे रख , जीतने की इच्छा पर अड़ें

सह कर कुपित शब्द निकलते सभी के कंठ से
जो खुद जलता रहे मगर औरों के लिए लड़े

हमारी मस्तिष्क व जीवन की व्यथाएं सुनता
और उन्हें सुलझाने के लिए जो रहता हर पल खड़े

हो कितनी मुश्किलें कितने  भी ठोकर मगर
जो सब को किनारे रख , जीतने की इच्छा पर अड़ें

जो मार्ग हमें प्रशित करे जो  मनोबल मन की समुचित करे

उन्हें भेंट में मिली खुशियों के हर कण 
उन गुरु को सत सत नमन सत सत नमन #सत_सत_नमन #गुरु_जी #शिक्षक_दिवस
आज मेरे सभी आदरणीय व प्रिय शिक्षकों को आज के दिवस की बहुत बहुत शुभकामनाएं , आज मैं जो भी हूं जहां भी हूं जैसा भी हूं उन्हीं के वजह से हूं , मेरे जीवन के हर हिस्से में उनका अहम योगदान रहा है व बचपन से आज तक जो कुछ भी शिक्षा ली या जो भी सीखा उन्हीं के साथ प्रेम स्नेह से सीखा , मेरे बचपन से जीवन की अंतिम सफर तक उन्हीं से सीखता रहूंगा , मैं सभी शिक्षकों को चांद पंक्तियों के द्वारा सम्मान देना चाहूंगा ।

शिक्षक दिवस की बहुत बहुत शुभकामनाएं सर।

भटका हुआ हो मस्तिष्क तब जो मार्गदर्शन प्रशित करे
जब हौसले घिस कर नीचे गिर रहे तब जो मनोबल समुचित करे

सामने हो कठोर पल तब जो आसान राहे दिखाकर
लटकी हार की तलवार को अपनी सोच से शापित करे

हो कितनी मुश्किलें कितने  भी ठोकर मगर
जो सब को किनारे रख , जीतने की इच्छा पर अड़ें

सह कर कुपित शब्द निकलते सभी के कंठ से
जो खुद जलता रहे मगर औरों के लिए लड़े

हमारी मस्तिष्क व जीवन की व्यथाएं सुनता
और उन्हें सुलझाने के लिए जो रहता हर पल खड़े

हो कितनी मुश्किलें कितने  भी ठोकर मगर
जो सब को किनारे रख , जीतने की इच्छा पर अड़ें

जो मार्ग हमें प्रशित करे जो  मनोबल मन की समुचित करे

उन्हें भेंट में मिली खुशियों के हर कण 
उन गुरु को सत सत नमन सत सत नमन #सत_सत_नमन #गुरु_जी #शिक्षक_दिवस
shivamveer3125

Shivam Veer

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