कैसे कोई किसी को अपने दिल का हाल सुनाता हैं कैसे कोई किसी को इतनी आसानी से भुलाता है मेरी कोई ग़लती ना होकर भी मैंने ग़म ही पाया है तुझे खुद से भी ज्यादा चाहकर फिर खुद को ही सताया है #rakhijain