दिल और आत्मा की गहराई मे पलने वाले प्रेम, कहाँ है, जब दिल सीने में नही, बंधे हो कलाई में एहसासों के त्योहार नही, दिखावटों के बाजार हैं प्रेम पड़ा है rose, propose, या kiss डे की खाई में कुल चार शब्दो में सिमटे हुए, छिछले से एहसास है किसके पास वक़्त है कि उतरे दिल की गहराई में साथ चाहिए, चाहे जिसका चाहे जिस तरह मिले झूठ फरेब मक्कारियाँ पल रही प्रेम की परछाई में Rose कहाँ हैं, रक्त से लाल कांटे हैं, लहू के प्यासे दर्द है , घाव हैं, कराहटें हैं प्यार की रुसवाई में मस्तियाँ, व्यापार , लूट, हवस, झूठ, फरेब सब ठीक है सब करें चाहे, चाहे जियें खुद से खुद की बेवफाई में महज़ शब्द नही है एहसास है प्रेम, गहरा शुद्ध श्वेत तो हिस्सा न बनें प्रेम की फजीहत और जगहँसाई में— % & #yqdidi #yqbaba #yqquotes #yqaestheticthoughts #yqvalentineweek #restzone #love