मैं दिखाने को नफरत करूं , पर नफ़रत में भी तुझे प्यार करूं, अंधेरे में सिर्फ तुझे ढूंढता फिरूं , अपने आशुओं में तेरी परछाई देखा करूं , मैं सिर्फ बताने को नफ़रत करूं , पर नफ़रत में भी तुझसे प्यार करूं ।। ©ऋषभ वर्मा (R.V.) a undefined love