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क्यो निहारती हो तुम ताज को यमुना की तरह, एक बार गं

क्यो निहारती हो तुम ताज को यमुना की तरह,
एक बार गंगा बन कर तो देखो मैं प्रयाग न बन जाऊं तो कहना,,

©Dharmendra Shukla दिल ने फिर याद किया

#Couple
क्यो निहारती हो तुम ताज को यमुना की तरह,
एक बार गंगा बन कर तो देखो मैं प्रयाग न बन जाऊं तो कहना,,

©Dharmendra Shukla दिल ने फिर याद किया

#Couple

दिल ने फिर याद किया #Couple #ज़िन्दगी