ख़यालो में तू ही सपनों में तू ही लेकिन मेरी यादों में तू थी ही नहीं ऐसा है नहीं तुम जागते रहे दुनिया सोती रही एक बारिश ही थी जो तुम्हारे साथ रोती रही तुमको मालूम ही नहीं इन बारिशों के अश्क में था तो मैं ही पर कमबख्त ये बादल मेरी अशुओं को बारिश का नाम दे गए। Vaibhav Dev Singh #YQDidi #YQBaba