* जब से मैंने आंसुओं को छिपाना सीख लिया है, तब से मैंने ग़मो में खुशियों का ठिकाना भी ढूंढ लिया है। * और ग़मो से दोस्ती कर ली है मैंने कुछ इस कदर कि अब उनका मेरे घर हर शाम आना-जाना रहता है। * और अब फर्क नहीं पड़ता मुझे इन हालातो से जब तक सर पर हाथ है मेरे माता-पिता का हर मुश्किलातों में घमंड नहीं बल्कि गुरुर है मुझे अपने इन जज़्बातों पे डर नहीं लगता मुझे अब इन आंधी और तूफानों से। Love you #yourquote 😍 Only because of this app I always want to write something better than before #Merebezubaanjazbaat #Asha! #yqdidi #yqbaba #yqquotes