Nojoto: Largest Storytelling Platform

चिरागों को आंखों में महफूज़ रखना, बड़ी दूर तक रात

चिरागों को आंखों में महफूज़ रखना,

बड़ी दूर तक रात ही रात होगी..

न तुम होश में हो न हम होश में हैं,

चलो मय-क़दे में वहीं बात होगी..

मुसाफ़िर हो तुम भी, मुसाफ़िर हैं हम भी

किसी मोड़ पर फिर मुलाक़ात होगी..

                 "पंकज ममार" किसी मोड़ पर फिर मुलाकात जरूर होगी।।✍️✍️
चिरागों को आंखों में महफूज़ रखना,

बड़ी दूर तक रात ही रात होगी..

न तुम होश में हो न हम होश में हैं,

चलो मय-क़दे में वहीं बात होगी..

मुसाफ़िर हो तुम भी, मुसाफ़िर हैं हम भी

किसी मोड़ पर फिर मुलाक़ात होगी..

                 "पंकज ममार" किसी मोड़ पर फिर मुलाकात जरूर होगी।।✍️✍️