दूर खामोशी तक चलते चलते अब यह रास्ता भी जुदा सा लगता है हर सफर से शायद इन यादों का इक वास्ता सा लगता है गिर कर सँभलना भी जिंदगी का इक कारवां लगता है मीलों दूर चलते चलते सफर में इक मुसाफिर तनहा सा लगता है । अंशु शायरी । #InspireThroughWriting