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हर्फ़-दर-हर्फ़, वरक़-दर-वरक़, पढ़ा है मैंने उसे, फिर भ

हर्फ़-दर-हर्फ़, वरक़-दर-वरक़, पढ़ा है मैंने उसे, 
फिर भी इन दूरियों का सिलसिला न पढ़ पाया...

©Prashant Shakun "कातिब"
  *वरक़ - पन्ना  
*हर्फ़  -  अक्षर, वर्ण

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#life_experience