वो श्याम रंग का स्वामी है,कहते है अन्तर्यामी है।
वो चरवाहा है जगभर का,वो जाने सबकी खामी है।
वो माखन चोरी करता है,छलिया है सबको छलता है।
कहने को तो है जगतपति,पर अपनी माँ से डरता है।
वो मीरा जिसकी जोगन है,खुद मोहहीन,मनमोहन है।
बड़ी मीठी बंसी बजाता है,उसकी बातें सम्मोहन है।
कोई खबर तुम्हें है? कहाँ है वो?
हाँ! कभी-कभी दिखता है वो। #खोज#मौज