मैंने लिखना शुरू कर दिया है...( 6 ) दुआ करो कि, नाराज़ ही रहूँ मैं मतलबी दुनिया से कि, मनाने को मुझे कोई खुशामत न आ जाए... लिखना तो शुरू किया ही है मैंने अभी कि, मुझमें वो शायरों वाली नज़ाकत न आ जाए... मैं तो हद में रहता हूँ इसलिए क़लम स्याहीयों से भरे है मेरे... आप भी हद में रहा करें ऐ जिन्दगी कि, कहीं ज़हर से लिख दूँ तो क़यामत न आ जाए... Rupendra ✍ मैंने लिखना शुरू कर दिया है...(6)✍ Kanchan Tiwari Radha Pareek pooja negi# irslan khan Neeraj sharma