वो अंधकारमय पहले से ही नहीं था, सरकारी योजना आयी,घर तोड़कर रेल की पटरी बनाई,रेल चलाई। नीचे से निकासी का रास्ता मिला था, ऐसा कुछ नहीं था, कि सारे द्वार सील कर दिए गए हो। परंतु पटरी पर चलने की आदत ने सब अस्त व्यस्त कर दिया,नीचे से उपर की प्राइवेट सीढ़ी से चढ़कर रोज पटरी पर जाते थे,जान हथेली में लेकर,लेकिन वो मिलने नहीं अाई।। अंततः उसी रास्ते पर आकर खड़े हुए, जहां से सरकार ने पुल के नीचे जगह दी थी,और ऊंजले मार्ग खोते पाए।। OPEN FOR COLLAB✨ #ATजोरास्तामैंनेचुना • A Challenge by Aesthetic Thoughts! ♥️ Collab with your soulful words.✨ • Must use hashtag: #aestheticthoughts • Please maintain the aesthetics.