तुम जो मानो वो ठीक,मैं जो जानू वो भी ठीक, सब समझ-समझ की बात है,बाकी,भारत अब भी अनाथ है, तुम बचाव करोगे ढोरों का,मुझे अच्छा लगता ये करना भी, कहीं तो नाम शहीदों में होता तो अच्छा लगता यूँ मरना भी। बीन-बीन,जोड़े-तोड़े देशप्रेम के तथ्य तुम्हारे, तिर आयी पानी पर,प्रयास लाश छुपाने के व्यर्थ तुम्हारे, गिनती भूले,भूले विश्व गुरु का ज्ञान तुम्हारा, थू-थू होती दुनिया में,फिर भी कहाँ हुआ अपमान तुम्हारा, लड़ लूंगा,झगड़ लूंगा,मैंने कब कहा,मैं अस्त, मैं शाम हूँ, बस तुम अब चुप बैठो,मैं तो इस बांझ राजनीत से परेशान हूँ, कुछ ना कह सकने की हालत है प्राण दबा कर बैठा हूँ, सिकुड़ ना जाये 56 इंच कहीं,छाती को तकिए में छुपाए लेटा हूँ। #politics #politicians #government #pandemic #chetanyajagarwad #yqbaba