रूठ कर जाना, फ़िर ख़ुद-ब-खुद माफ़ी कह जाना, मेरी पलकें नम होते है, तेरी आँखों से आँसू बह जाना! मुझे हो कोई तकलीफ़ ये नागुज़ार है तुमको, जानता हूँ, मेरी हर एक ख़ुशी के लिए तेरा अकेले ग़म सह जाना! तुमसे महफ़िल, तुमसे जश्न, मेरा आफताब भी तुम, फ़िर दौर-ए-रुखस्ती में, मेरी तन्हाई का तन्हा रह जाना! This is for Raju Ranjan bhaiya. Thanks for nominating me bhaiya #YQBaba #Kumaarsthought#YQDidi #रूठना