हमसफर हमनावा हमराज़ हो तुम मेरी। जो किसी ने नहीं पाढ़ी ऐसी बंद किताब हो तुम मेरी।। माना बहुत से तार उलझे है मेरे दिल से पर उन तारो मे उलझी एक अधूरी राज हो तुम मेरी।। Only for lovers