कल गुजरोगे जब मेरे शहर से, तो रौशनी कुछ कम होगी, अमावश की काली रातों में चाँद क्या, चराग भी साथ दिया नही करते, बखूबी मालूम है मुझे हर रास्ता, पता है मुझे अंधेरों में हमारे अपने, हाथ दिया(दीपक) नहीं करते।.... #चाँद #अमावश #दिया(दीपक)