जी हम इश्क विश्क की बातें नही किया करते ग़ालिब। आज कल गर्लफ्रेंड-बॉयफ्रेंड बनाना और.. बदलना आम बात है क्या इसे इश्क कहते या मानते हैं आप ?? जब ये सवाल मैंने किसी से किया तो जवाब आया,😱 जिंदगी के मजे़ लो, ओर मैं निरुत्तर 😶हो गई। हम तो इश्क करने से भी डरते हैं पर फिर भी.. अपनी माँ से बेपनाह मोहब्बत करते हैं। क्योंकि उतनी पाक़ मोहब्बत सारी दुनिया में नहीं। हमारी पसंद हर कोई नही जनाब, वरना मौकें तो हमें भी मिलते हैं रोज़। और यु कहू हमें इस आज के इश्क पर विश्वास नहीं, जो जिस्मानी है रूहानी नहीं।। इश्क आसान नहीं ग़ालिब.. चाहे एक तरफा हो या दो तरफा। इश्क में हम खुद को भूल जाते हैं सिर्फ उसे खुश रखने के लिए।। जब हमे इश्क होगा ना वो रूहानी होगा। जो किसी झगड़ो के कारण खत्म नहीं होगा, और अगर खत्म हो गया तो शायद हम भी खत्म हो जाए।। हम ठहरे नर्म दिल इन्सान जो एक बार दिल टूट गया तो हम भी सम्भल नहीं पाएंगे।। क्या कहते हैं आप इश्क रूहानी होता होगा ना इस आज के दौर में?? इश्क हो तो "रूहानी "