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##मन्दिर-मस्जिद सब झुठे से लगते है,,, हर ख्वाब म

##मन्दिर-मस्जिद सब झुठे से लगते है,,,

 हर ख्वाब मेरे टुटे से से लगते है,,,

हंसे थे जिन्दगी मे सपने से लगते है॥
                                     ____मनु।। """हॅसना ही भुल गये##### Dee... विवेकानंद आर्य (Poetry Bhaiya)  Gaurav Kumar Patel zarri farha प्रभु की कृपा
##मन्दिर-मस्जिद सब झुठे से लगते है,,,

 हर ख्वाब मेरे टुटे से से लगते है,,,

हंसे थे जिन्दगी मे सपने से लगते है॥
                                     ____मनु।। """हॅसना ही भुल गये##### Dee... विवेकानंद आर्य (Poetry Bhaiya)  Gaurav Kumar Patel zarri farha प्रभु की कृपा