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नफरतें चाहे कितनी बढ़ जाएं, अपनेपन का वो एहसास बाक

नफरतें चाहे कितनी बढ़ जाएं, अपनेपन का वो एहसास बाकी है। हो जाए गर अंधेरा चारों ओर, दिलों में रोशनी की किरणें अब भी बाकी हैं। हो जाएं चाहे ख़ाक क्यों ना घरों के घर, अपना हिंदोस्ता अब भी बाकी है। #peace #unitedindia
नफरतें चाहे कितनी बढ़ जाएं, अपनेपन का वो एहसास बाकी है। हो जाए गर अंधेरा चारों ओर, दिलों में रोशनी की किरणें अब भी बाकी हैं। हो जाएं चाहे ख़ाक क्यों ना घरों के घर, अपना हिंदोस्ता अब भी बाकी है। #peace #unitedindia
nidhipant2890

Nidhi Pant

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