गिरा हुं, टूटा हुं, मै ना तुझसे रूठा हूं, मुझे ना रोक पाओगे अब, किसी कसमो वादों से, मै तुझमें ही बेहता था ,एक दरिया बनकर, आज तुझसे, एक समन्दर के जैसे छूटा हुं, #टूटा हूं