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कि अपनी कलम को यूं आराम ना दो। लिखो आज का यथार्थ

कि अपनी कलम को यूं आराम ना दो।

लिखो आज का यथार्थ 
झूठ को ईमान ना दो।

न लिख सको किसी का मरहम
तो किसी को घाव न दो।

न दे सको किसी को उजाला
तो किसी को अंधकार का कोहराम न दो।

 आज हिंदी के मूर्धन्य कवि #रामधारीसिंहदिनकर का जन्मदिवस है। 23 सितंबर 1908 में बिहार के बेगूसराय ज़िले के सिमरिया गाँव में उनका जन्म हुआ। "संस्कृति के चार अध्याय" किताब के लिए उन्हें भारत के सर्वोच्च साहित्यिक पुरस्कार साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 1959 में पद्म भूषण से सम्मानित हुए।
24 अप्रैल 1974 को उनका निधन हुआ।
#collab  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi
कि अपनी कलम को यूं आराम ना दो।

लिखो आज का यथार्थ 
झूठ को ईमान ना दो।

न लिख सको किसी का मरहम
तो किसी को घाव न दो।

न दे सको किसी को उजाला
तो किसी को अंधकार का कोहराम न दो।

 आज हिंदी के मूर्धन्य कवि #रामधारीसिंहदिनकर का जन्मदिवस है। 23 सितंबर 1908 में बिहार के बेगूसराय ज़िले के सिमरिया गाँव में उनका जन्म हुआ। "संस्कृति के चार अध्याय" किताब के लिए उन्हें भारत के सर्वोच्च साहित्यिक पुरस्कार साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 1959 में पद्म भूषण से सम्मानित हुए।
24 अप्रैल 1974 को उनका निधन हुआ।
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आज हिंदी के मूर्धन्य कवि #रामधारीसिंहदिनकर का जन्मदिवस है। 23 सितंबर 1908 में बिहार के बेगूसराय ज़िले के सिमरिया गाँव में उनका जन्म हुआ। "संस्कृति के चार अध्याय" किताब के लिए उन्हें भारत के सर्वोच्च साहित्यिक पुरस्कार साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 1959 में पद्म भूषण से सम्मानित हुए। 24 अप्रैल 1974 को उनका निधन हुआ। #Collab #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi