"परित्यक्त " चीखता जब ह्रदय, प्रयास ये अभी अपूर्ण है! "परित्यक्त " परित्यक्त होना एक बूँद हलाहल के घूँट सा, दाह्य हृदय सिथिल होता अनाथ सा! अवसर या अपराध सब अज्ञात हो, रह बचा बस ख़ामोशी का अलाव हो| संताप! जैसे कि कोटि सर्पदंश व्यस्त हों,