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चाहे खुशियाँ चाहे गम बढ़ सी जाएं एकदम बहने लगता आँख

चाहे खुशियाँ चाहे गम
बढ़ सी जाएं एकदम
बहने लगता आँखों से एक दरिया...
अनमोल बूंदे खारे पानी की
जो लगे सागर के मोती सी
कीमत ना लगा पाएगी दुनिया...
चरम सीमा है अभिव्यक्ति की
कभी परीक्षा है किसी व्यक्ति की
कभी प्यार स्नेह ममत्व के लिए
कभी गुस्से घृणा बेवफ़ाई के लिए
बरस पड़ता है ये सावन
मौसम बिन मौसम...

 कौन समझता है, इन आँसुओं की क़ीमत!
#आँसुओंकीक़ीमत #collab #yqdidi  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi
चाहे खुशियाँ चाहे गम
बढ़ सी जाएं एकदम
बहने लगता आँखों से एक दरिया...
अनमोल बूंदे खारे पानी की
जो लगे सागर के मोती सी
कीमत ना लगा पाएगी दुनिया...
चरम सीमा है अभिव्यक्ति की
कभी परीक्षा है किसी व्यक्ति की
कभी प्यार स्नेह ममत्व के लिए
कभी गुस्से घृणा बेवफ़ाई के लिए
बरस पड़ता है ये सावन
मौसम बिन मौसम...

 कौन समझता है, इन आँसुओं की क़ीमत!
#आँसुओंकीक़ीमत #collab #yqdidi  #YourQuoteAndMine
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