ज़िन्दगी की दुकान को बिखेर कर समेटता हूँ रोज़ यूँ, वो हररोज़ रूठते है मुझसे , मैं उन्हें आएदिन उन्हें मनाता हूँ #दीनू_डायरी #दीनू_डायरी pooja negi# anjali jain