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ज़िन्दगी की दुकान को बिखेर कर समेटता हूँ रोज़ यूँ, व

ज़िन्दगी की दुकान को बिखेर कर समेटता हूँ रोज़ यूँ,
वो हररोज़ रूठते है मुझसे , मैं उन्हें आएदिन उन्हें मनाता हूँ 
                                                #दीनू_डायरी #दीनू_डायरी Vipul Pandey  Jagdish jangid SIR JI pooja negi# anjali jain
ज़िन्दगी की दुकान को बिखेर कर समेटता हूँ रोज़ यूँ,
वो हररोज़ रूठते है मुझसे , मैं उन्हें आएदिन उन्हें मनाता हूँ 
                                                #दीनू_डायरी #दीनू_डायरी Vipul Pandey  Jagdish jangid SIR JI pooja negi# anjali jain