जब खामोश आँखो से बात होती हैं, ऐसे ही मोहब्बत की शुरुआत होती हैं, तुम्हारे ही ख़यालो में खोए रहते हैं, पता नही कब दिन और कब रात होती हैं... शायरी की डायरी