मेरी दहलीज तक भी आती हैं तेरे खौफ़ की सरहदें मेरा मानना है कि तू भी किसी साजिश से कम नही खड़ा हूँ सीधी कमर किये तेरे सज़दे में हूँ नही कभी तेरा टुकड़ा हुआ भी तो मैं तेरे बरक्स कुछ कम नही . धीर साजिश