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जैसे इत्र आप पर ठोकर से गिरे तब भी आपके जिस्म को

जैसे इत्र आप पर ठोकर से गिरे तब 
भी आपके जिस्म को महका देती है। जैसे कुड़ा 
आपको प्रेम से छु जाए तब भी आपको बदबू से 
भर देता है। इसी  तरह चरित्र  में अच्छे व्यक्ति के 
क्रोध में भी छुपा साथ होता है चरित्र से गलत 
व्यक्ति की मीठी उत्साह पूर्ण बातों 
में भी छुपा धोखा होता है। #mahayogyatra
जैसे इत्र आप पर ठोकर से गिरे तब 
भी आपके जिस्म को महका देती है। जैसे कुड़ा 
आपको प्रेम से छु जाए तब भी आपको बदबू से 
भर देता है। इसी  तरह चरित्र  में अच्छे व्यक्ति के 
क्रोध में भी छुपा साथ होता है चरित्र से गलत 
व्यक्ति की मीठी उत्साह पूर्ण बातों 
में भी छुपा धोखा होता है। #mahayogyatra