वो दोस्त ना जाने कहां गुम हो गया बचपन में जो मेरे संग खेला करता था, जो बारिश में मेरे संग भीगा करता था। ना जाने वो दोस्त कहां गुम हो गया जब मेरे संग गांव की गलियों में खूब खेला करता था जिसके संग जिंदगी जिया करते थे। ना जाने वो दोस्त कहां गुम हो गया जिसको सब कुछ बता दिया करता था, जिसके संग खूब हंसी ठिठोली किया करता ना जाने वो दोस्त कहां गुम हो गया जिसके संग स्कूल जाया करता था, जिसके संग खाना बांटा करता था। ना जाने वो दोस्त कहां गुम हो गया जिसके संग गोलगप्पे खाया करता था, जिसके संग मेला देखने जाया करता था। ना जाने वो दोस्त कहां गुम हो गया जिसके संग बाजारों में घूमा करता था, जिसके संग फिल्में देखा करता था। ना जाने वो दोस्त कहां गुम हो गया जिसकी एक आवाज पर दिल झूम उठता था, जिसके संग हर पल खुश रहता था। ना जाने वो दोस्त कहां गुम हो गया जो दोस्ती निभाने का वादा करता था, जो दोस्त नहीं भाई बोला करता था। best dosti Yaraa