ट्रिपल तलाक के शोर में खामोश हो गयी है आवाज समंदर की ज्वार तो उठा है वहाँ भी एक दिन लहरों की गड़गड़ाहट में किनारे डूबेंगे, सम्भल जाओ सुनामी आने से पहले । इंसाफ इस नारी को भी दिलवा दो बदनामी आने से पहले।।।। सुनामी