बहुत पढ़ी लिखी वो इक अनपढ़ मेरे आँखों का ककहरा भी न पढ़ पाई थी वो तो कहती थी तेरे गीत का मैं किस्सा हूँ जिसको जाते वक्त इक शब्द भी समझ में नहीं आया था ©अनमोल सिंह "निरंजन" बहुत पढ़ी लिखी वो इक अनपढ़ मेरे आँखों का ककहरा भी न पढ़ पाई थी वो तो कहती थी तेरे गीत का मैं किस्सा हूँ जिसको जाते वक्त इक शब्द भी समझ में नहीं आया था #Gif