उसकी बेरुखी ने...मुझको पत्थर कर दिया, सुनाया जब उसको अपना हाल ए दिल, जाने हर सवाल क्यों...उसने निरुतर कर दिया, जिस शायरी की तलब थी उसे हर रोज़, आज बिन पढ़े ही क्यों...उसे बदनाम कर दिया, क्या इतना कमजोर था ये रिश्ता, जो बिना वजह ही खत्म कर दिया।। "मुझको पत्थर कर दिया"