जो कहतें थे वक्त नहीं तेरे साथ बितानें को आज समझदारी बतातें है घर पर रह जानें को वाह रे इंसान तेरी फ़ितरत क्या कहनें गिरगिट भी समझ नहीं पाए रंग बदलते जमाने को। #वक्त #मै #मेरावजूद