कुछ नही बदला मेरे लिए ये तुम सोचते हो शायद सही सोचते हो कुछ नही बदला सिवाय तुम्हारी नज़रो के जो मुझ पर मुड़ जाया करती थी, आज मुझे देख के मूड जाती है, शायद तुम सही सोचते हो कुछ नही बदला सिवाय तुम्हारी नादानी के जो हर वक़्त मुझे हँसाया करती थी, आज मुझ पर हँसा करती है, शायद तुम सही सोचते हो कुछ नही बदला सिवाय तुम्हारी फिक्र के जो मुझे कभी अकेला नही छोड़ती थी, आज मेरे साथ नही रहती, शायद तुम सही सोचते हो कुछ नही बदला सिवाय तुम्हारी ज़िद के जो मेरे बालो को भी मेरे चेहरे को छूने नही देती थी, आज मुझे देखती भी नही। - दिव्या जैन कुछ नही बदला #nojoto#hindipoem