ख्वाबों को पूरा करने निकले थे घर से आज घर जाना ख्वाब बन गया चंद पैसे जो भेजा करते थे घर पे आज खुद के लिए कामना भारी पड़ गया थी मतलब की दुनिया, या हम थे मतलबी जो चन्द रुपयों के लिए अपने गाँव से किनारा कर लिया आज बात जब आयी खुद की जान पे फिर से गाँव के तरफ चलना पड़ गया जो कल तक गाते थे शहरों का गुणगान आज वो भी गाँव की ओर चल दिया... #village #money #migrant #lockdownstories #nojoto #nojotohindi