इस कहानी में तुम बस प्यार बसा देना, याद आए जो मेरी, तन्हाई में इक शाम बिता लेना। पल जो गुजरें प्यारे थें, आंखों में सजा लेना, भुला के गम अपने तुम, अपनों को मना लेना। मायूसी जो तुम्हें सताए, खुद को हंसा लेना, मेरी बेगानी यादों को तुम दिल से मिटा देना। मुझको तो प्यारी हंसी तुम्हारी, यूं ही बनाए रखना, आंखों का काजल हूं तुम्हारे, यूं ही सजाए रखना। तकलीफ़ कभी जो हद से बढ़ जाए, दुआओं में सर झुका लेना, ना आ सकूंगा फिर लौट कर कभी, खुद को समझा देना, तुम मुझे भुला देना। तुम मुझे भुला देना। #poetry #poem #shayeri #love #life #hope