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अब तेरी याद से वेह्शत नहीं होती मुझ को ज़ख्म खुलते

अब तेरी याद से वेह्शत नहीं होती मुझ को 
ज़ख्म खुलते हैं अज़ीयत नहीं होती मुझ को 

अब कोई आये चला जाये मैं खुश रहता हूँ 
अब किसी शख्श की आदत नहीं होती मुझ को 

ऐसा बदला हूँ तेरे शहर का पानी पी कर 
झूठ बोलूं तो नदामत नहीं होती मुझ को 

है अमानत में खयानत सो किसी के खातिर 
कोई मरता है तो हैरत नहीं होती मुझ को 

इतना मसरूफ हूँ जीने की हवस में दोस्तों 
सांस लेने की फुर्सत नहीं होती मुझ को....॥॥॥ अब तेरी याद से वेह्शत नहीं होती मुझ को ज़ख्म खुलते हैं अज़ीयत नहीं होती मुझ को 
अब कोई आये चला जाये मैं खुश रहता हूँ अब किसी शख्श की आदत नहीं होती मुझ को 
ऐसा बदला हूँ तेरे शहर का पानी पी कर झूठ बोलूं तो नदामत नहीं होती मुझ को 
है अमानत में खयानत सो किसी के खातिर कोई मरता है तो हैरत नहीं होती मुझ को 
इतना मसरूफ हूँ जीने की हवस में दोस्तों सांस लेने की फुर्सत नहीं होती मुझ को....॥॥॥
#urdushayri
#urdughazal
अब तेरी याद से वेह्शत नहीं होती मुझ को 
ज़ख्म खुलते हैं अज़ीयत नहीं होती मुझ को 

अब कोई आये चला जाये मैं खुश रहता हूँ 
अब किसी शख्श की आदत नहीं होती मुझ को 

ऐसा बदला हूँ तेरे शहर का पानी पी कर 
झूठ बोलूं तो नदामत नहीं होती मुझ को 

है अमानत में खयानत सो किसी के खातिर 
कोई मरता है तो हैरत नहीं होती मुझ को 

इतना मसरूफ हूँ जीने की हवस में दोस्तों 
सांस लेने की फुर्सत नहीं होती मुझ को....॥॥॥ अब तेरी याद से वेह्शत नहीं होती मुझ को ज़ख्म खुलते हैं अज़ीयत नहीं होती मुझ को 
अब कोई आये चला जाये मैं खुश रहता हूँ अब किसी शख्श की आदत नहीं होती मुझ को 
ऐसा बदला हूँ तेरे शहर का पानी पी कर झूठ बोलूं तो नदामत नहीं होती मुझ को 
है अमानत में खयानत सो किसी के खातिर कोई मरता है तो हैरत नहीं होती मुझ को 
इतना मसरूफ हूँ जीने की हवस में दोस्तों सांस लेने की फुर्सत नहीं होती मुझ को....॥॥॥
#urdushayri
#urdughazal