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आँखोंसे नदिया बहायी ही है, तो दर्द विसर्जन कर दो उ

आँखोंसे नदिया बहायी ही है,
तो दर्द विसर्जन कर दो उसमें.
एक नई नहर खोद कर, 
बहाव मोड़ क्यों नहीं देते?
दिल की ज़मीं भी तो,
नमी को तरसती है कबसे!!! Let your #tears wash all your #sorrows.
आँखोंसे नदिया बहायी ही है,
तो दर्द विसर्जन कर दो उसमें.
एक नई नहर खोद कर, 
बहाव मोड़ क्यों नहीं देते?
दिल की ज़मीं भी तो,
नमी को तरसती है कबसे!!! Let your #tears wash all your #sorrows.