बेटी के जन्म पर माँ ने खुशियो का एक एक मोती बुना हे। अलीगढ़ की घटना को देख लगता हे,बेटी का धरती पर जन्म लेना गुना हे। लो फिर चली गई एक ट्विंकल वेशी पापी हत्यारो से। चली गई वो सूर्य की किरण अपने चाँद सितारों से। सोचता हूं क्या इंसान इतना खुदगर्ज हो सकता है। 3 साल की ट्विंकल की छाती पर इतने काटे सकता है। हम काम विजेता कहलाये पश्चिम में सर ऊँचा करके। अलीगढ़ की घटना से शर्मिंदा बैठे हे सर निचा करके। अब निवेदन है मेरा ये दिल्ली के दरबारओ से। हर प्रान्त में बैठी है जो अलग अलग सरकारों से। अब शिघ्र न्याय दो आँखों से निकाली सारी ललकारो को। और जिन्दा जलवादो चौराहों पर इन दुष्कर्मी हत्यारो को। ।।धीर...✍️ ट्विंकल के हत्यारों का विरोध