Three words for year 2020 सोचा जाता हुया एक शायरी सुनाता जाऊ क्या पता कब सामना मौत से हो जाए गुजरते गुजरते इस मुश्किल से. के बडे कठोर निकले वो नाजुक हाथ पैरो वाले यारो जनवरी के महीने बेदखल कर दिया मुझे दिल से. ©Singh Manpreet bedakhal. Singh Manpreet #goodbye2020